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उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी

उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

शेष अनुशीर्षक में पढ़े..👇🙏 उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

जन्म लिए इन्होंने 563 ईसा पूर्व में, था वो तिथि पूर्णिमा और वैशाखी।।
पिता इनके शुद्धोधन, माता महामाया, पर लालन पालन किया मौसी गौतमी।

गौतम गोत्र के कारण कहलाए गौतम, सिद्ध प्राप्त जो जन्मा हो हुआ सिद्धार्थ।
आसित ने की भविष्य वाणी, बोले बने चक्रवर्ती राजा या होगा पथ प्रदर्शक ज्ञान।
उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

शेष अनुशीर्षक में पढ़े..👇🙏 उदय दुलारी नेह कर प्रणाम इन्हें, बतायेगी इनकी सारी गाथा अपनी जुबानी।
इक्ष्वाकु वंशीय क्षत्रिय शाक्य कुल में जन्म हुआ, था वो नेपाल ग्राम लुम्बिनी।।

जन्म लिए इन्होंने 563 ईसा पूर्व में, था वो तिथि पूर्णिमा और वैशाखी।।
पिता इनके शुद्धोधन, माता महामाया, पर लालन पालन किया मौसी गौतमी।

गौतम गोत्र के कारण कहलाए गौतम, सिद्ध प्राप्त जो जन्मा हो हुआ सिद्धार्थ।
आसित ने की भविष्य वाणी, बोले बने चक्रवर्ती राजा या होगा पथ प्रदर्शक ज्ञान।