Nojoto: Largest Storytelling Platform

ढूंढो हर उस बात को, जिसके शुक्रगुजार हो तुम। थामो

ढूंढो हर उस बात को,
जिसके शुक्रगुजार हो तुम।

थामों उन हथेलियों को,
जिसे थाम जीवन में ,सुकून के पल चुने थे तुम।।

कल-कल नदी की धारा सी
मन के बाँध तोड़ ,जिससे मिले थे तुम।।

 जिसके साथ मिले थे,वो जज्बात जिससे,
 ग़म-ए-उल्फ़त से भी मुस्कुरा कर निकल गए थे तुम।

©prerna singh #thanks giving 

#Dosti
ढूंढो हर उस बात को,
जिसके शुक्रगुजार हो तुम।

थामों उन हथेलियों को,
जिसे थाम जीवन में ,सुकून के पल चुने थे तुम।।

कल-कल नदी की धारा सी
मन के बाँध तोड़ ,जिससे मिले थे तुम।।

 जिसके साथ मिले थे,वो जज्बात जिससे,
 ग़म-ए-उल्फ़त से भी मुस्कुरा कर निकल गए थे तुम।

©prerna singh #thanks giving 

#Dosti
prernasingh9457

prerna singh

New Creator