एक अजब सी दास्ताँ है, ज़िन्दगी एक इम्तिहाँ है, चलते है जिस डगर पे हम, काँटों भरा गुलिस्ताँ है, ऐ ज़िंदगी कब तलक फिराएगी हमें, ये सिर्फ मतलबी रेगिस्ताँ है। मतलबी रेगिस्ताँ #ghazalnama #hindipoetry #hindi