कभी शब्द भूल जाऊँ, कभी अर्थ भूल जाऊँ तुम्हें इस कदर चाहूँ, हर शर्त भूल जाऊँ कभी तुम मुझमें उतरो, कभी मैं तुझमें डूब जाऊँ तुम्हें इतनी शिद्दत से इश्क करूँ मैं, हर फर्क भूल जाऊँ थोड़ा तुम टूट जाओ, थोड़ा मैं बिखर जाऊँ समेट लो मुझको ख़ुद में ऐसे, हर दर्द भूल जाऊँ पानी सा मेरा जीवन, दो बूँदों से बना है छलका दो थोड़ी खुशियाँ, हर मर्ज़ भूल जाऊँ तेरा इश्क अगर नशा है तो बेपनाह मुझ पे चढ़ा है डूब जाऊँ तुझमें साकी, हर कर्ज़ भूल जाऊँ हमें भी वो मिलेगा, जो नसीब में लिखा है लगा लो तुम सीने से, मैं नब्ज़ भूल जाऊँ... © trehan abhishek #शब्द #अर्थ #इश्क़ #फर्क #नसीब #manawoawaratha #yqdidi #yqbaba