पैसों का शोर न रिश्तों का मान न तेरा कोई ईमान बिक गया इंसान चंद सिक्कों के शोर की खनक में,कितना जकड़ लिया गया इंसान इन पैसों की चमक की बेड़ियों में,रहता अपनों के बीच है मगर एक अजनबी बनकर,न किसी की ख़ैरियत न किसी की कैफ़ियत बस अपने पैसों की दुनिया में ही ख़ुश है ये आज का इंसान, सुना करते हैं अक्सर रिश्तों के भावों के सामने पैसे की कोई कीमत नहीं, न हो पास पैसा तो कोई किसी का रहनुमा नहीं,मगर आज का कटु सत्य है यही हर ख़ुशी बसी पैसों में हर ग़म के निदान का मरहम भी यही,कैसी ये ज़िन्दगी की अनोखी दास्तान अंत समय भी पैसा आये काम पास पैसा हो तो मिले श्मशान कब्रिस्तान में स्थान न हो तो दो गज़ ज़मीन के लिए भी तरसे है मृत हुआ इंसान, रमज़ान कोरा काग़ज़ 2022 तेईसवी -रचना👉पैसों_का_शोर #tarunasharma0004 #hindipoetry #trendingquotes #KKRपैसोंकाशोर #collabwithकोराकाग़ज़ #रमज़ानकोराकाग़ज़ #KKR2022 #कोराकाग़ज़