मै इश्क़ हूँ मुझे इश्क ही रहने दो अपनी हवस को मोहब्बत से दूर रहने दो यू कपडे उतार मुझे निलाम ना होने दो मैं इश्क हूँ मैं गंगा हूँ मुझे पवित्र रहने दो मैं कपडा हूँ जिस्म का मुझे जिस्म पर ही रहने दो यू सरे आम मुझे बच्चों के हाथ बदनाम मत होने दो मै इश्क़ हूँ मुझे इश्क ही रहने दो झुठी कसमे खा कर मेला ना होने दो जिस्म ना मिलने पर मुझे यू बेवफा बेवफा कह के मझे तकलीफ ना दो मैं इश्क़ हूँ मुझे इश्क़ ही रहने दो मुझे इश्क ही रहने दो ©Subhash Dil Ki Baat #ishq #Poetry #Baat #Dil #feelings