तट से तट तक मैं गया, जब लहरों के पार। जान सका हूँ मैं तभी, इस जीवन का सार।। ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा तट से तट तक मैं गया, जब लहरों के पार। जान सका हूँ मैं तभी, इस जीवन का सार।। ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा