तेरी याद में (Teri Yaad Me) तेरी यादों में एक लौ जला रखी है वो प्रेम के दीप हैं,यादों की बाती और अपने जिस्म के लहू से वही दीप जल रही है तेरी याद में। बिल्कुल तुम्हारे जैसा ही है वो दीप मगर जल रहा है वो मेरी तरह दीप तुम्हारे जैसा इसलिए,की तुमसे बहुत मिलता जुलता सा है जल इसलिए रहा मेरी तरह, क्यूंकि तड़प रहा मैं तेरी याद में। लौ बुझने को है, सांसे थम सी गई हैं हंसती हुई इक दुनिया उजड़ सी गई है दोष तुम्हरा नहीं,सब दोष प्रेम और मन के हैं मगर जलते हैं विरह में ये आख़िर तन ही हैं ख़ैर,अब बुझ ही गई है,लौ,थम गई हैं सांसें सुख गए हैं आंसू,भर गए हैं ज़ख्म,तेरी याद में। Iamge credit-Rest Zone #yqdidi