Red sands and spectacular sandstone rock formations बैठे हो क्षितिज को निहारते हुए, दूर तक क्या पैगाम पहुंचते , सूखे हुआ चमन हराभरा हो , ओस की बूंदों में, बारिश की बूंद का आभास, बस, कब तक , एक इंतजार , बस, एक खाली सा पल, खामोशी में भी , विचारो की श्रृंखला में, खो चुका एक एक पल, बस एक राह, दूर क्षितिज के उस पार। ©ADV.काव्या मझधार( DK) महाकाल उपासक #Sands ❤️❤️❤️❤️ से ❤️❤️❤️❤️तक #nojoto #दिल_की_कलम_से #दिल_का_दर्द #दिल #नोजोटोराइटर्स #नोजोटोकविता