तुमको भूल ना पाएँगें। तुम बिन कैसे ज़िन्दगी बिताएंँगे। सुना है रास्ता सुना हो गया ज़िन्दगी का सफ़र। कैसे काटूंँ अब मैं तुम बिन ये डगर। तुम मेरे दिल थे मैं थी तेरी धड़कन। तुम दिल ही साथ ना रहा तो मैं भी गई मर। इस जन्म में तुमको भूलना नामुमकिन है। याद तुम्हारी अब जायेगी मेरे चिता के संग है। ♥️ Challenge-980 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।