White बहुत दिलकस और जवान वो रात थी कोहरे और धुंध की चादर लपेटे बेहद खामोश सी मुलाक़ात थी । कुछ कहना था सायद उसे फ़िर किस वजह से इतना नाराज़ थी । ये कम्बख्त वक्त ही नहीं गुजरता शानू वर्ना जरूर उस दिन होने वाली कुछ अनकही सी बात थी । हो ना हो आरजू फिर से मुलाकात थी लरजते हुए लबो पे इकरार थी बस एक और जुनून शानू फ़िर मैं र्जरा और वो सारी कायनात थी ।। ©Dr kumar Shanu #GoodNight #drksy