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मेरा गांव का नाम कलवाड़ा है मेरा गांव क्षेत्रफल की

मेरा गांव का नाम कलवाड़ा है मेरा गांव क्षेत्रफल की दृष्टि से आसपास के गांव से छोटा है पर क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटा होने के बाद भी आसपास के गांव से ज्यादा हरा भरा और खुशहाल गांव है और सबसे अच्छी बात तो यह है कि मेरे गांव में अखंडता नहीं है जब लोग करोना महामारी को एक आपदा के रूप में समझ रहे थे तब मेरे गांव के लोग इस आपदा को अवसर बनाने में जुट गए थे इस समय में जब पूरी दुनिया बेरोजगार बैठी थी तब मेरे गांव के लोग पूरे गांव को गंदगी से मुक्त कराने में लगे थे और यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मेरे गांव में जो 15 तलाव गंदगी से ग्रस्त थे वह आज साफ हो चुके हैं जिस पर गांव के मुखिया ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी साफ कराने में असफल रहे उसे मेरे गांव के सभी लोग मिलकर मात्र 2 दिन में साफ कर दिए और इस काम के लिए उन्हें ग्राम पंचायत द्वारा 215000 का एक पुरस्कार दिया गया मेरे गांव में कुल 9 कुएं हैं जिसमें से पांच सूखे थे यह कुएं खुले हुए थे जिसके कारण गंदगी और बीमारी तो बढ़ती थी पर आए दिन दुर्घटना भी हुआ करते थे अब वह कुएं भर चुके हैं और बाकी चार कुए को साफ किया गया और उसे अच्छे से बनाया गया ताकि वह गांव की संस्कृति और जीवन से दूर ना जा पाए मेरे गांव के लोग शिक्षित है पर अपनी संस्कृति को गवाना नहीं चाहते हैं जो आज के समय में बहुत बड़ी बात है शहर में तो लोग अपना घर साफ करते हैं पर अपने घर का कूड़ा कबाड़ा दूसरे के घर के सामने फेंक आते हैं और वह दूसरा व्यक्ति अपने घर को साफ करता है और वह भी अपना कूड़ा तीसरे व्यक्ति के घर के सामने फेंक देता है यह काम ऐसे ही चलता रहता है पर यह लोग शिक्षित तो है पर इनके पास संस्कृति या संस्कार नहीं है जो गांव के लोगों के पास है मेरे गांव के लोग इस लॉकडाउन में अपने गांव को साफ सुथरा और स्वस्थ जीवन के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है इसका लॉकडाउन में लगभग मेरे गांव में       1500 आम के पेड़ 400 लीची के पेड़ 250 केले के पेड़ सौ जामुन के पेड़ लगाए गए और इन पेड़ों की देखभाल हर व्यक्ति ने बहुत अच्छी तरीके से की है खुशी की बात तो यह है कि ऐसे पेड़ मेरे गांव में लगाए गए जो भोजन और शुद्ध हवा भी देगा मुझे जानकर बहुत खुशी हुई कि मेरा गांव गंदगी मुक्त हो रहा हैऔर ऐसे गांव में हूं जहां गंदगी किसी को पसंद नहीं और अगर गंदगी मिलती है तो उसे साफ करने के लिए सभी लोग एक समान की भूमिका निभाते हैं मेरेगांव में यह एक कर्तव्य बन गया है कि गंदगी मुक्त हमारा गांव हो ऐसे सभी गांव में और शहर में हो गया तो मेरा भारत में गंदगी मुक्त हो जाएगा रही
- किशन 
10104
10th "A" गंदगी मुक्त मेरा गांव
मेरा गांव का नाम कलवाड़ा है मेरा गांव क्षेत्रफल की दृष्टि से आसपास के गांव से छोटा है पर क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटा होने के बाद भी आसपास के गांव से ज्यादा हरा भरा और खुशहाल गांव है और सबसे अच्छी बात तो यह है कि मेरे गांव में अखंडता नहीं है जब लोग करोना महामारी को एक आपदा के रूप में समझ रहे थे तब मेरे गांव के लोग इस आपदा को अवसर बनाने में जुट गए थे इस समय में जब पूरी दुनिया बेरोजगार बैठी थी तब मेरे गांव के लोग पूरे गांव को गंदगी से मुक्त कराने में लगे थे और यह जानकर बहुत खुशी हुई कि मेरे गांव में जो 15 तलाव गंदगी से ग्रस्त थे वह आज साफ हो चुके हैं जिस पर गांव के मुखिया ने लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी साफ कराने में असफल रहे उसे मेरे गांव के सभी लोग मिलकर मात्र 2 दिन में साफ कर दिए और इस काम के लिए उन्हें ग्राम पंचायत द्वारा 215000 का एक पुरस्कार दिया गया मेरे गांव में कुल 9 कुएं हैं जिसमें से पांच सूखे थे यह कुएं खुले हुए थे जिसके कारण गंदगी और बीमारी तो बढ़ती थी पर आए दिन दुर्घटना भी हुआ करते थे अब वह कुएं भर चुके हैं और बाकी चार कुए को साफ किया गया और उसे अच्छे से बनाया गया ताकि वह गांव की संस्कृति और जीवन से दूर ना जा पाए मेरे गांव के लोग शिक्षित है पर अपनी संस्कृति को गवाना नहीं चाहते हैं जो आज के समय में बहुत बड़ी बात है शहर में तो लोग अपना घर साफ करते हैं पर अपने घर का कूड़ा कबाड़ा दूसरे के घर के सामने फेंक आते हैं और वह दूसरा व्यक्ति अपने घर को साफ करता है और वह भी अपना कूड़ा तीसरे व्यक्ति के घर के सामने फेंक देता है यह काम ऐसे ही चलता रहता है पर यह लोग शिक्षित तो है पर इनके पास संस्कृति या संस्कार नहीं है जो गांव के लोगों के पास है मेरे गांव के लोग इस लॉकडाउन में अपने गांव को साफ सुथरा और स्वस्थ जीवन के लिए बहुत अच्छा कार्य किया है इसका लॉकडाउन में लगभग मेरे गांव में       1500 आम के पेड़ 400 लीची के पेड़ 250 केले के पेड़ सौ जामुन के पेड़ लगाए गए और इन पेड़ों की देखभाल हर व्यक्ति ने बहुत अच्छी तरीके से की है खुशी की बात तो यह है कि ऐसे पेड़ मेरे गांव में लगाए गए जो भोजन और शुद्ध हवा भी देगा मुझे जानकर बहुत खुशी हुई कि मेरा गांव गंदगी मुक्त हो रहा हैऔर ऐसे गांव में हूं जहां गंदगी किसी को पसंद नहीं और अगर गंदगी मिलती है तो उसे साफ करने के लिए सभी लोग एक समान की भूमिका निभाते हैं मेरेगांव में यह एक कर्तव्य बन गया है कि गंदगी मुक्त हमारा गांव हो ऐसे सभी गांव में और शहर में हो गया तो मेरा भारत में गंदगी मुक्त हो जाएगा रही
- किशन 
10104
10th "A" गंदगी मुक्त मेरा गांव