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इज्ज़त कहानी बात

              इज्ज़त
              कहानी    

 बात कुछ दिन पहले की ही है। हमारे शहर के एक तरफ़ गोंड जाति के लोग रहते हैं। उस बस्ती से एक परिवार कॉलोनी में काम करने आता था। उस परिवार में पांँच बेटियाँ थीं। 
जिसमें से बड़ी और छोटी बहुत पढ़ने में तेज़ थीं। एक दिन बड़ी वाली किसी ब्राह्मण लड़के के साथ भाग गई। जब उसके मांँ बाप को पता चला तो ढूंँढना शुरू किया। दो दिन तक नहीं मिलने पर पुलिस में रपट लिखाया। पुलिस छानबीन में लग गई।

        तीसरे दिन पता चला कि मंदिर में दोनों शादी कर एक गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। पुलिस उन लोग को पकड़ के थाने पर ले आई। दोनों परिवारों के लोग उपस्थित हुए ऐसे देख रहे थे कि एक दूसरे को मार ही डालेंगे। एक गोंड जाति की दूसरा ब्राह्मण जाति का। पूरी करवाई होने के बाद पुलिस बोली की ये दोनों बालिग हैं  तो ये चाहें तो साथ रह सकते हैं। दोनों परिवार ने रजामंदी पुलिस के सामने देर दी। 
           दोनों परिवार वाले घर पहुँचने के बाद 
लड़की के माता पिता ने उसके खाने में ज़हर मिलाकर खिला दिया। और लड़के के घर वालों ने उसको पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया। वहां जाने कुछ दिन बाद लड़के ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को कोई ख़बर हाथ ना लगी। सभी को घटना के आठ दस महीने बाद पता चला। लेकिन सब एक दूसरे को जानने वाले थे चुप्पी साध गए। पुलिस को भनक तक ना लगने दिया। इस तरह जाति के नाम पर मासूम प्रेम समाज के कायदे कानून के बलि चढ़ गया।
#kkdrpanchhisingh1 
#कोराकाग़ज़
              इज्ज़त
              कहानी    

 बात कुछ दिन पहले की ही है। हमारे शहर के एक तरफ़ गोंड जाति के लोग रहते हैं। उस बस्ती से एक परिवार कॉलोनी में काम करने आता था। उस परिवार में पांँच बेटियाँ थीं। 
जिसमें से बड़ी और छोटी बहुत पढ़ने में तेज़ थीं। एक दिन बड़ी वाली किसी ब्राह्मण लड़के के साथ भाग गई। जब उसके मांँ बाप को पता चला तो ढूंँढना शुरू किया। दो दिन तक नहीं मिलने पर पुलिस में रपट लिखाया। पुलिस छानबीन में लग गई।

        तीसरे दिन पता चला कि मंदिर में दोनों शादी कर एक गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। पुलिस उन लोग को पकड़ के थाने पर ले आई। दोनों परिवारों के लोग उपस्थित हुए ऐसे देख रहे थे कि एक दूसरे को मार ही डालेंगे। एक गोंड जाति की दूसरा ब्राह्मण जाति का। पूरी करवाई होने के बाद पुलिस बोली की ये दोनों बालिग हैं  तो ये चाहें तो साथ रह सकते हैं। दोनों परिवार ने रजामंदी पुलिस के सामने देर दी। 
           दोनों परिवार वाले घर पहुँचने के बाद 
लड़की के माता पिता ने उसके खाने में ज़हर मिलाकर खिला दिया। और लड़के के घर वालों ने उसको पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया। वहां जाने कुछ दिन बाद लड़के ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को कोई ख़बर हाथ ना लगी। सभी को घटना के आठ दस महीने बाद पता चला। लेकिन सब एक दूसरे को जानने वाले थे चुप्पी साध गए। पुलिस को भनक तक ना लगने दिया। इस तरह जाति के नाम पर मासूम प्रेम समाज के कायदे कानून के बलि चढ़ गया।
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#कोराकाग़ज़

बात कुछ दिन पहले की ही है। हमारे शहर के एक तरफ़ गोंड जाति के लोग रहते हैं। उस बस्ती से एक परिवार कॉलोनी में काम करने आता था। उस परिवार में पांँच बेटियाँ थीं। जिसमें से बड़ी और छोटी बहुत पढ़ने में तेज़ थीं। एक दिन बड़ी वाली किसी ब्राह्मण लड़के के साथ भाग गई। जब उसके मांँ बाप को पता चला तो ढूंँढना शुरू किया। दो दिन तक नहीं मिलने पर पुलिस में रपट लिखाया। पुलिस छानबीन में लग गई। तीसरे दिन पता चला कि मंदिर में दोनों शादी कर एक गेस्ट हाउस में रह रहे हैं। पुलिस उन लोग को पकड़ के थाने पर ले आई। दोनों परिवारों के लोग उपस्थित हुए ऐसे देख रहे थे कि एक दूसरे को मार ही डालेंगे। एक गोंड जाति की दूसरा ब्राह्मण जाति का। पूरी करवाई होने के बाद पुलिस बोली की ये दोनों बालिग हैं तो ये चाहें तो साथ रह सकते हैं। दोनों परिवार ने रजामंदी पुलिस के सामने देर दी। दोनों परिवार वाले घर पहुँचने के बाद लड़की के माता पिता ने उसके खाने में ज़हर मिलाकर खिला दिया। और लड़के के घर वालों ने उसको पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया। वहां जाने कुछ दिन बाद लड़के ने आत्महत्या कर ली। पुलिस को कोई ख़बर हाथ ना लगी। सभी को घटना के आठ दस महीने बाद पता चला। लेकिन सब एक दूसरे को जानने वाले थे चुप्पी साध गए। पुलिस को भनक तक ना लगने दिया। इस तरह जाति के नाम पर मासूम प्रेम समाज के कायदे कानून के बलि चढ़ गया। #kkdrpanchhisingh1 #कोराकाग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #KKकविसम्मेलन #KKकविसम्मेलन4