खाऊनिया केळी। ती साल फेकली। रस्त्याच्या मधी। मी एकदा।। रस्त्याने पुन्हा। येता परतुनी। पाय घसरूनी। पडलो मी।। माझ्या कर्माचे। फळ ते मिळाले। पाय हे मोडले। माझ्या कर्मे।। झाले खरे अंती। फळ जे मिळते। प्रत्येकाच्या कर्मे। नुसार ते।। खाऊनिया केळी। ती साल फेकली । रस्त्याच्या मधी। मी एकदा।। रस्त्याने पुन्हा। येता परतुनी। पाय घसरूनी।