आहिस्ता आहिस्ता चलते जाना है ज़िन्दगी और रिश्तों का कर्ज़ चुकाना है ज़िन्दगी का अभी हर रंग जीना है प्यार मोहब्बत अभी इश्क़ करना है आहिस्ता आहिस्ता प्यार में जीना मरना है प्यार और फर्ज़ में संतुलन बनाना है आहिस्ता आहिस्ता बढ़ते जाना है ज़िन्दगी का सफ़र पूरा करते जाना है आहिस्ता आहिस्ता मौत के क़रीब जाना है जाने से पहले आहिस्ता आहिस्ता अपनी हर ख्वाहिश तमन्ना दिल की पूरी कर लेना है — % & ♥️ Challenge-826 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।