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थी कुछ ख्वाइशें, कुछ उम्मीदें की हम वक्त पर पहुंच

थी कुछ ख्वाइशें, कुछ उम्मीदें की हम वक्त पर पहुंच जाएंगे,
किसी से करेंगे अधूरी मुलाकातें तो किसी का हाल पूछने जायेंगे|
और बेसब्र होंगे की बस अब जल्दी से मंजिल आ जाए हमारी.......
मगर अनजान थे इस बात से की सफर में है और बस सफर के होके रह जायेंगे||

©NITISHA BHARDWAJ #RailTrack #odishatrainaccident