ग़ज़ल हर तरफ बेकारी ही बेकारी है, मुल्क में अब कहां समझदारी है। ज़िन्दगी बीत रही देखते देखते, चेहरा इक है मगर रंग हजारी है। इक ओर हुनर है जिसे मारा गया, मगर दूसरी ओर वंशवाद जारी है। निजामत की यही तो ताकत है, मासूमियत में छिपी गुनाहगारी है। ढूंढती हैं भीड़ असल अपराधी को, मगर यहां खेल का नाम ही फरारी है। कुछ के लिए ये बेहतरीन मौका है, चल रही उनकी मस्त दुकानदारी है। झूठ की जहां कोई हद ही नहीं, वहां सच के लिए सवाल मक्कारी है। एक राही क्या करे ऐसे माहौल में, यूं ही सिलसिला ए सफ़र जारी है। #justiceforsushantsinghrajput #sushantsinghrajput #boycottbollywood #nepotisminbollywood