वेश्या ======= चाहत थी पति की किसी ने वेश्या बना दिया बिस्तर मे चादर बन बिछते बिछते थक गई बिस्तर बदलते गये, प्यार की प्यास को बरसो बीत गये, याद कर के उस सावरिया को जिस पर दिल आया था, वो किसी और को भी भाया था किस्मत ऐसी फूटी की मेरी गगरिया आग मे पकने से पहले ही फूट गई, चाहते धरी की धरी रह गई जब बाजार मे बिक गई, एक बार नहीं कई बार,अपने घाव नहीं गिनती जो रूह तक पहुंचे हैं, कभी ना ठीक होने की खातिर, कोई मरहम नहीं कोई दवा नहीं बस जी रही हूँ मौत के इन्तज़ार मे जो मेरे बदन को नस्ट कर देगी और फिर कोई दर्द, सिसक मेरी आत्मा तक को छू ना सकेगी 😓 ©POOJA UDESHI #वेश्या #prostitute