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Grandparents say दो पल की फ़ुर्सत नहीं जिनको दादा-

Grandparents say दो पल की फ़ुर्सत नहीं जिनको
दादा-दादी से बतियाने की।

वो जो बस होड़ लगाते हैं
आनलाइन ग्रैंडपैरेंट्स डे 
मनाने की।

आनलाइन का ज़माना
बिचारे दादा-दादी क्या समझें?
उन्हें तो आदत है
आफलाइन ज़माने की।

कितना प्यार लेके 
बैठें हैं दिल में
कभीं मौका तो दो उन्हें
उनका प्यार दिखाने को!

इतना सुकून कहीं
हासिल नहीं इस जहां में
बेशकीमती हैं वो बातें
पुराने ज़माने की।

©Jupiter and it's moon....(प्रतिमा तिवारी)
  दादा-दादी..!

दो पल की फ़ुर्सत नहीं जिनको
दादा-दादी से बतियाने की।

वो जो बस होड़ लगाते हैं
आनलाइन ग्रैंडपैरेंट्स डे 
मनाने की।

दादा-दादी..! दो पल की फ़ुर्सत नहीं जिनको दादा-दादी से बतियाने की। वो जो बस होड़ लगाते हैं आनलाइन ग्रैंडपैरेंट्स डे मनाने की। #कविता

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