अन्न का हर एक दाना है वरदान अन्न का हर एक दाना है वरदान, खून पसीने से सींच जिसे उगाता है किसान l कुछ खाते कुछ बर्बाद करते, जाने क्यूँ हम अन्न का अपमान करते? कोई दौड़ रहा भूख मिटाने को, कोई दौड़ रहा पचाने को l भूख की व्यथा वो बच्चे सुनाते हैं, माँ की गठरी संग बंध जो काम पर जाते हैं l सिर्फ दाना नहीं ये जीवन का आधार है, इसकी कीमत को जाने बस यही एक समाधान है l अन्न ही जीवन है, इसका सम्मान करो, व्यर्थ की बर्बादी रोक, जग का कल्याण करो l ©Dr SONI #FoodSafety Poet Sayanika Das