ये फलक अब आइना बन गया है, देखूँ तो मुझे ही दिखा देता है। स्थिर होती है अब नज़रें भी, भीड़ से भागते भागते बहोत दूर चली आई है कदम। अब जोड़ने के बजाय कुछ मिसरे मिटाऊँ नज़्मों के तो हँसी खिलती है। #हालात