वो आया था एक रात को हाथों में मशाल लिए हुए आहिस्ते से चलते हुए पैरों से पायल बज रही थी सन्नाटो की आवाज़ में वो सुकून बनके आया था आँखों पे लगी काजल में अंधेरे का नामोनिशां ना था वो सन्नाटो के बाद आयी खुशबू भरी तेज़ आंधी था मगर आंधी कब तक हवा देती जब गया काजल आंखों से ले चेहरे पे मेरे कालीक पोत गया देखता हूं जब भी आईने में अब वो मशाल मेरे चेहरे पे कोई जली राख हुआ दिखता है ख़ैर........ for more writes up follow my instagram writing account :- @abhiyoglove #EkTarfaPyar #nojoto #nojotohindi #poetry #kalakaksh #poem