हुनर न बेकार जाता है न हुनर की कोई उम्र ही होती है हुनर भर देता है रोशनी अधेरों में हुनर जगा जाता है आशा निराशा में हुनर तकदीर के लिखे को मिटा दे हुनर फर्श से अर्श पर पहुँचा दे हुनर बुझते मन में जोत जला दे हुनर सारी खुशियाँ कदमों मे ला दे तू बस पहचान अपने हुनर को और चमक ध्रुव तारा सा... हुनर बेकार नहीं जाता #हुनरबेकारनहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi