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रंज भी कोई ना था, हुई ग़म-ए-रूसवाई टूटे हुए से ख्

रंज भी कोई ना था, हुई ग़म-ए-रूसवाई 
टूटे हुए से ख्याब है और हैं इज्तिराब-ए-गिरदाब। भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।
रंज भी कोई ना था, हुई ग़म-ए-रूसवाई 
टूटे हुए से ख्याब है और हैं इज्तिराब-ए-गिरदाब। भेजने का समय कल शाम 6 बजे तक।
परिणाम की घोषणा कल रात 8 बजे तक।

सहभागिता सबके लिए खुली है ✍🏻 आपके अल्फ़ाज़ 

शब्दों की मर्यादा का ध्यान अवश्य रखे ।

1. फॉन्ट छोटा रखें और बॉक्स में लिखें।
mrsrosysumbriade8729

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