वो अधूरा सा हो एक ख़्वाब तुम गुलशन का हो नायाब गुलाब तुम अनकहे सवालों का जबाब तुम बेचैनियों के बेसबब गिर्दाब तुम हिज्र की बेबसी में अज़ाब तुम आसमां पर मेरे हो महताब तुम आतिश से धधकते आफ़्ताब तुम ख़ुदा से मिला हो एक सवाब तुम सूरूर में चढ़ते कैफ़-ए-शराब तुम मेरे लिबास के हो एक शहाब तुम 'नेह' में हो बे-हद-ओ-हिसाब तुम नफ़स में ज़मज़मा-ए-रुबाब तुम ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1002 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।