खुश हूँ क्यूंकि, खुशनुमा हैं ये समा निराला हैं ये समा निराली है जिन्दगी जिन्दगी का रुख बदल रहा हैं कुछ आभास- सा हो रहा हैं कदमो की आहट थम - सी गई हैं जिन्दगी कुछ रंग दिख-ला जा अब आजा ऐ -समा रंगीन बना जा ये समा चुपके से कुछ खुशियाँ चुराकर निराली बना जा ये जिन्दगी खुशनुमा है ये समा #khushi