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आँखों में मंज़िल थी गिरे फिर भी संभल गये आँधियों म

आँखों में मंज़िल थी
गिरे फिर भी संभल गये
आँधियों में इतना दम था नहीं
चिराग तो हवाओं में भी जल गये

©Prity Singh
  #Girkarsambhalna
#manjil