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मेरे अंश चल रहे है राह पर, मे निः चिंत बैठा हूँ च

मेरे अंश चल रहे है राह पर, 
मे निः चिंत बैठा हूँ चाह पर  !!

आज मेरी कमी घल रही, 
मेरे नास्को कमल ढल रही !!

मे बुनियाद बना गया था, 
मे अपना खाद बना गया  था !

मे कर्म से  अपने बापू बन गया, 
दिल मे तो था अब नोटों मे छप  गया !!

नाज है मुझे मेरे देश पर, 
 दुनिया घूम   लिया अपने वेश पर !!

आज साकार होता देख मेरा सीना गर्व से उठ रहा, 
आज मेरा देश सोना उज्जवल सा चमक रहा !!

150वीं  महात्मा गाँधी जयंती 

-kavirA 150वीं  गाँधी जयंती ... #kavirA...  Kajal Singh Ranjeet Ajay Samhita Nandi Rashima Sukh
मेरे अंश चल रहे है राह पर, 
मे निः चिंत बैठा हूँ चाह पर  !!

आज मेरी कमी घल रही, 
मेरे नास्को कमल ढल रही !!

मे बुनियाद बना गया था, 
मे अपना खाद बना गया  था !

मे कर्म से  अपने बापू बन गया, 
दिल मे तो था अब नोटों मे छप  गया !!

नाज है मुझे मेरे देश पर, 
 दुनिया घूम   लिया अपने वेश पर !!

आज साकार होता देख मेरा सीना गर्व से उठ रहा, 
आज मेरा देश सोना उज्जवल सा चमक रहा !!

150वीं  महात्मा गाँधी जयंती 

-kavirA 150वीं  गाँधी जयंती ... #kavirA...  Kajal Singh Ranjeet Ajay Samhita Nandi Rashima Sukh
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