होते नित खुलकर ढोंग यहाँ, हर पल कुरीतियाँ हसती हैं। नारी में नर का बास हुआ, अब नर में नारी बसती हैं।। ©कवि मनोज कुमार मंजू #ढोंग #कुरीतियाँ #नारी #नर #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू #shabd