खुशी हो या गम, आंखो में आशु छलक जाया करते हैं। ग़म में भी मां ने जो, वो चुटकुले याद, आ जाया करते हैं। एक मुस्कुराहट पाकर मां की, हंसी की उम्र बढ़ जाया करती हैं। कितनी ही उम्र क्यू न हो उदासी की, मां की, आंखो की ममता देख, घट जाया करती हैं। घर में न पाकर मां को, आंखे उन्हें ढूंढा करती हैं। पाकर समीप मां का सुकून की नींद आ जाया करती हैं। मां की ममता