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खुशी हो या गम, आंखो में आशु छलक जाया करते हैं। ग़म

खुशी हो या गम,
आंखो में आशु छलक जाया करते हैं।
ग़म में भी मां ने जो, वो चुटकुले याद,
आ जाया करते हैं। एक मुस्कुराहट पाकर
मां की, हंसी की उम्र बढ़ जाया करती हैं।
कितनी ही उम्र क्यू न हो उदासी की, मां की,
आंखो की ममता देख, घट जाया करती हैं।
घर में न पाकर मां को, आंखे उन्हें ढूंढा करती हैं।
पाकर समीप मां का सुकून की नींद आ जाया करती हैं। मां की ममता
खुशी हो या गम,
आंखो में आशु छलक जाया करते हैं।
ग़म में भी मां ने जो, वो चुटकुले याद,
आ जाया करते हैं। एक मुस्कुराहट पाकर
मां की, हंसी की उम्र बढ़ जाया करती हैं।
कितनी ही उम्र क्यू न हो उदासी की, मां की,
आंखो की ममता देख, घट जाया करती हैं।
घर में न पाकर मां को, आंखे उन्हें ढूंढा करती हैं।
पाकर समीप मां का सुकून की नींद आ जाया करती हैं। मां की ममता
mkalvadiya2013

m kalvadiya

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