एक तरफा आशिकी भी गजब होती है, ना उन्हे राजी करने की फिक्र ना उनकी रजा होती है। वो किसी और को टूटकर चाहते हैं, हम उनकी चाहत में टूट जाते हैं उन्हें खबर कहां होती है। तेरी चाहत में चोट खाए अदीब (कवि) बन गए हम, इस दर्दे दिल की तुझे फिक्र कहां होती है। मोहब्बत में धड़कता दिल हमारा ले गए, हमें बेजान जिंदा लाश बना दिया ये भी बता दो....? पत्थर दिल बनने की तालीम कहां होती है, एक आखरी मेहरबानी कर दो🙏🙏 हमें देख जुल्फें सवारकर छेड़ा ना करो। लाश तो बना ही दिया है तुम ही बताओ कब्र से,,, छेड़खानी कहां होती है। #mahfil_e_sham