ये ख़ूबसूरत आँखें तेरी, बातें हज़ार करती हैं। इशारों में ही सही, मगर सब इजहार करती हैं। पढ़ना आसान है, तेरी आँखों से इश्क़ की ताबीर। क्यूँकि ये अंदाज़-ए-बयाँ, खूब बेशुमार करती हैं। लोग तेरी आँखों की, तारीफ के कसीदें पढ़ते हैं। उन्हें पता नहीं शायद, ये सब पे इख़्तियार करती हैं। कोई चाह भी ले गर, इनसे अपना पीछा छुड़ाना। नामुमकिन हैं इनसे दूर जाना, ये ऐसा वार करती हैं। इन आँखों की खूबसूरती, बयाँ करना आसान नहीं। सादगी ही सही, सिर्फ काजल का श्रृंगार करती हैं। ♥️ Challenge-586 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।