किताबें डायरी में जो लिखी थी,खामोश हो कुछ आरज़ू, जो मिले गर तू सुना दे, होकर तेरे से रूबरू। सुन किताबी शेर सारे,काम आते है नहीं, शेर तुझ पे खुद लिखे तब,याद तेरी हो शुरू। #किताब_इश्क़_की