Heart आज दोपहर की धूप जैसे कोई पैगाम लेकर आई हो। यह मरहम सी हवा जैसे कोई दुख छीन लेने आई हो। लगता है डर अब इन बदलते मौसमों से कहीं फिर ना रूठ जाए और हम अकेले रह जाए।