अब लफ्ज़ कम पड़ रहे, जज़्बात लिखने को हांथ कांप रहे, सच लिखने को झूठ मुझे आता नहीं और सच बड़े कड़वे लग रहे लिखने को शिकायत अब है भी और नहीं भी दर्द महसूस अब होता नहीं दिल-दिमाग़ सब सुन पड़ा है कैसे लिखूं वो जो, धड़कनों में उबल रहा है कलम-स्याही सब कम पड़ चुके बोलो तो लहू से लिख दूं पर सुनो! सच लिखूंगी इसीलिए मैं फिलहाल कुछ नहीं लिखूंगी @deepalidp ©Deepali dp #deepalidp #mojzamiracle #rahaterooh #hindishayari #jashnerekhta #writing❤