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मैं स्वभाव का थोड़ा जटिल हूँ शायद मैं खुद के भी सम

मैं स्वभाव का थोड़ा जटिल हूँ शायद
मैं खुद के भी समझ में कहां आता हूँ।
मैं कोशिश करता हूँ तुम्हें कहने की 
मैं तुमसे कहां कुछ कह पाता हूँ।
मैं झूठ कहता हूँ तुमसे शायद 
मैं सच भी कहां कह पाता हूँ।
अगर तुम पूछो 
मेरी याद आती है क्या ?
मैं भूला ही कब था तुम्हें 
ये भी कहां कह पाता हूँ...!

©Manvi  (voice of a silent Heart !)
  #पुरानें_दिनों से 💌🫂😇
19 January 2023🌃
At 9.46 pm!
P.O.- 20 June 2023

#पुरानें_दिनों से 💌🫂😇 19 January 2023🌃 At 9.46 pm! P.O.- 20 June 2023 #Poetry

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