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हरियाली ये बंजर , चाहे जैसा हो मंजर मुजे चलना है

हरियाली ये बंजर , चाहे जैसा हो मंजर
 मुजे चलना है हर उस शहर , जहां मिले जाना तेरा हाथ पकड़ कर 
जहां गाए तेरी तारीफे ,  उड़ती हुइ चिरैया
 जहां गुनगुनाए तेरी बतिया,  बहती हुई नदिया

 उमड़े जहां बादल ,  तेरे प्यार के जैसे
 बरसे कुछ ऐसे ,  तेरे इकरार जैसे
 जहां हवाएं पड़े सिथिल , और मद्धम सी चले
 जैसी तेरी धड़कन,  मेरी धड़कन में मिलकर

 सब जहां के तहां हो , वक़्त जहां ठहर जाए
 जैसे हो हाल आंखो का ,  तेरी आखो से मिलकर
 चलू उस शहर जहां , चमके गगन में सितारे
 मेरे किस्मत के तारे , तुझ को जैसे पा कर

 जहां हो लाल गुस्से में सूरज ,  तूझे मेरे साथ देख कर
 पिला पड़े चंद, तेरा मेरा देख मिल कर
जाऊ उस शहर मै,  हो साथ शाम और सहर
 कटे रात मेरी जहां ,  तेरी गोद में सर रखकर

चाहे राहों में गिट्टी या  कंकर , चाहे कुछ भी मुस्किल बन कर
 रहूं वहां मै सदा, खातिर तेरे चट्टान सा बनकर
मिले जहां मुझे वो आवाज़ , जहां हो तेरे दिल की धक धक
 जहां तेरे ओठों की नरम ,  जहां तेरे हाथो की ठंढ़क #MeraShehar 11
हरियाली ये बंजर , चाहे जैसा हो मंजर
 मुजे चलना है हर उस शहर , जहां मिले जाना तेरा हाथ पकड़ कर 
जहां गाए तेरी तारीफे ,  उड़ती हुइ चिरैया
 जहां गुनगुनाए तेरी बतिया,  बहती हुई नदिया

 उमड़े जहां बादल ,  तेरे प्यार के जैसे
 बरसे कुछ ऐसे ,  तेरे इकरार जैसे
 जहां हवाएं पड़े सिथिल , और मद्धम सी चले
 जैसी तेरी धड़कन,  मेरी धड़कन में मिलकर

 सब जहां के तहां हो , वक़्त जहां ठहर जाए
 जैसे हो हाल आंखो का ,  तेरी आखो से मिलकर
 चलू उस शहर जहां , चमके गगन में सितारे
 मेरे किस्मत के तारे , तुझ को जैसे पा कर

 जहां हो लाल गुस्से में सूरज ,  तूझे मेरे साथ देख कर
 पिला पड़े चंद, तेरा मेरा देख मिल कर
जाऊ उस शहर मै,  हो साथ शाम और सहर
 कटे रात मेरी जहां ,  तेरी गोद में सर रखकर

चाहे राहों में गिट्टी या  कंकर , चाहे कुछ भी मुस्किल बन कर
 रहूं वहां मै सदा, खातिर तेरे चट्टान सा बनकर
मिले जहां मुझे वो आवाज़ , जहां हो तेरे दिल की धक धक
 जहां तेरे ओठों की नरम ,  जहां तेरे हाथो की ठंढ़क #MeraShehar 11