ख़बरों की खबर सोनचिड़ियाँ कहलाते थे, दूर दूर से लुटेरे आते थे ! बलिदानों से आज़ाद हुए, सुई भी नहीं बनाते थे !! देशवासियों की मेहनत से, दशकों में ये मुकाम पाया ! अफ़सोस एक दशक में ही, अपनों ने ही लूट खाया !! भावनाओं का खेल खिला, आपस में लड़ा रहे ! देश विकास की एवज में, विनाश की ओर बढ़ा रहे !! हे राम... -आवेश हिंदुस्तानी 09.09.2021 ©Ashok Mangal #JanMannKiBaat #KhabronKiKhabar #Desh #Desh_ke_liye #AaveshVaani