ख़ुद से बने फिरते अंजाने हैं जब प्यार में पड़ते दिवाने हैं तुम्हारे लिए सारी ख़ुशियाँ छोड़ दूं ये महज़ मिलने के बहाने हैं प्यार में मिलेगा जन्नत-ए-प्याला इनको माशूका को समझ बैठे मैखाने हैं मां बाप के लिए पैसे नहीं प्यार में लाखों इन्हें उड़ाने हैं घर के दुख़ इन्हें दिखते नहीं उल्फत-ए-यार के दुख़ सारे मिटाने हैं ख़ुद से कभी मिल न पाए जो 'भारत' आज एक दूसरे से दिल उन्हें मिलाने हैं #PyaarMeDeewane #PoetInMe #ShayarInMe #KaviBhitar #Pyaar #Love