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["मुर्शिद और ग़ालिब"] "मुर्शिद यहाँ आज भी कुछ लोग

["मुर्शिद और ग़ालिब"]

"मुर्शिद यहाँ आज भी कुछ लोग ग़ालिब से अनजान हैं,
 नसों में तो मदिरा थी, ग़ालिब तो बस यूँ ही बदनाम थे।"

©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #writer  s#hayari ❤️ sad s#hayari
 shayari on l#ove
["मुर्शिद और ग़ालिब"]

"मुर्शिद यहाँ आज भी कुछ लोग ग़ालिब से अनजान हैं,
 नसों में तो मदिरा थी, ग़ालिब तो बस यूँ ही बदनाम थे।"

©Mď Âĺfaž" ["Šĥªयरी Ķ. दिवाŇ."] #writer  s#hayari ❤️ sad s#hayari
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