कांँटों सी चुभती अक्सर मुझे तन्हाई है आग सी सुलगती मुझे झुलसाती तन्हाई है कोई आकर हम दोनों को हसाएँ तो ज़रा मैं रोती हूंँ तो तो रोने लगती तन्हाई है ये तन्हाई तेरे याद में मुझे रुलाती है धीरे धीरे हमें ज़िन्दगी जीना सीखा देती है। #rztask356 #rzलेखकसमूह #restzone #yqrestzone #unique_upama #rzwriteshindi #yqdidi #collabwithrestzone