एक तपिश सी है, मन के एक कोने मे, जहाँ कुछभी करो, कुछ भी पनपता ही नही, एक वीरान सा कोना , रह गया है, जो कितना भी करलो , भरता ही नहीं, हर बार बहुत समजाया, मनाया,डांटा,धुत्कार दिया, पर ये रूह है साहब, समजती ही नहीं, जो नहीं मिलेगा उसकी, राह तकना छोड़ता ही नही। #हिंदीशायरियां #hindi #yqbaba #yqhindi #yqshayari #akelapan