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गहराइयों में डूबकर निकला हुं मैं, आसमां मे फैलकर आ

गहराइयों में डूबकर निकला हुं मैं,
आसमां मे फैलकर आया हूं मैं,
पर समझ नही आया मेरा मकसद कहां पर है..!
हवाओं से लड़कर आया हूं मैं
पानी मे बहकर आया हूं मैं..
पर समझ नही आया मेरा अस्तित्व कहां पर है..!
दरअसल मुझे मेरा मकसद ना मिला
कौन हू मै..!!

©Shreehari Adhikari369
  #kaun ho mai
shreehariadhikar2146

HARSHIT369

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#Kaun ho mai #प्रेरक

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