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"माँ" "गंगा" सी निर्मल है तूँ और "वैदेही" सी पावन

"माँ"
"गंगा" सी निर्मल है तूँ 
और "वैदेही" सी पावन काया,
गोद में हो तेरे सिर मेरा 
और ऊपर हो तेरे आँचल की छाया।
ऐ मात बता क्या सम्भव है ?
जीवन में इस सुख को पाना I
या कर्म मेरे हैं कलुषपूर्ण
जो इस सुख के बिन ही होगा मर जाना? #शून्य #माँ_का_आँचल #उम्मीदबाक़ीहै  #माँकालाडला 
#मेरी_ख्वाहिश #ख्वाहिशें_कुछ_अधूरी_सी #मैं_और_मेरे_जज़्बात #अधूरीख़्वाहिशें 

किसी भी कारणवश अपनी माँ के स्नेह से वंचितों को समर्पित पंक्तियाँ ।🥺🥺🥺
"माँ"
"गंगा" सी निर्मल है तूँ 
और "वैदेही" सी पावन काया,
गोद में हो तेरे सिर मेरा 
और ऊपर हो तेरे आँचल की छाया।
ऐ मात बता क्या सम्भव है ?
जीवन में इस सुख को पाना I
या कर्म मेरे हैं कलुषपूर्ण
जो इस सुख के बिन ही होगा मर जाना? #शून्य #माँ_का_आँचल #उम्मीदबाक़ीहै  #माँकालाडला 
#मेरी_ख्वाहिश #ख्वाहिशें_कुछ_अधूरी_सी #मैं_और_मेरे_जज़्बात #अधूरीख़्वाहिशें 

किसी भी कारणवश अपनी माँ के स्नेह से वंचितों को समर्पित पंक्तियाँ ।🥺🥺🥺