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आज का दोहा वश किसका चलता यहाँ,सब कुछ प्रभु के हा

आज का दोहा


वश किसका चलता यहाँ,सब कुछ प्रभु के हाथ।

वही   करें   अनाथ   हमें, वही   बनें  फिर  नाथ।।१५७।।

 #दोहा #नाथ #विश्वासी
आज का दोहा


वश किसका चलता यहाँ,सब कुछ प्रभु के हाथ।

वही   करें   अनाथ   हमें, वही   बनें  फिर  नाथ।।१५७।।

 #दोहा #नाथ #विश्वासी