कागज़ की कश्ती पर सवार होना भी एक ख्याल रे क्या करूं कई सालों से दिल में है, थमता ना ये बवाल रे। हिम्मत सिंह writing #thinking #Punjabi poetry #Hindi poetry #Urdu poetry# कागज़ की कश्ती पर सवार होना भी एक ख्याल रे क्या करूं कई सालों से दिल में है, थमता ना ये बवाल रे। हिम्मत सिंह