#OpenPoetry अपनी निगाहों को छुपाने से क्या होगा इश्क़ तो छुपता नही तूने सुना होगा, जो आँखेँ कह देती है चुपके से वो अल्फाज़ो से कहाँ बयाँ होगा, तुझे तेरे घर का पता किसी रकीब ने या किसी मानूस ने दिया होगा, ये खुशबू हवा में अभी तक शामिल है शायद वो अभी यहां से गया होगा। अपनी निगाहों को छुपाने से क्या होगा #ग़ज़ल