मौसम की तरह तुम सँवर जाओ ना बनके इशक एक बार बुंदों सा बिखर जाओ ना मैं तुम्हें देखता रहूँ अपने घर के झरोखे से और तुम ओंस सी बनकर मेरे हाथों पर उतर जाओ ना सज सँवर तो गये तुम इन हवाओ के लिए बस मेरी ख़ातिर और निख़र जाओ ना अबके मांगूगा तो ख़ुदा से इतना मांगूगा मौसम की तरह तुम कभी बदल पाओ ना #mausam