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रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ न सकोगे, बरसात मे का

रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ न  सकोगे,
बरसात मे कागज़ कि तरह भीग गया हूँ. रहने दो अब तुम भी मुझे,,
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ न  सकोगे,
बरसात मे कागज़ कि तरह भीग गया हूँ. रहने दो अब तुम भी मुझे,,
asha5461171246519

Shadab khan

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