जरूरत नहीं ऊंचाइयां छूने की पर तमन्ना जरूर है। चाह नहीं बन परी उड़ने की पर तमन्ना ख्वाब पूरा करने कि है। ख्वाहिश नहीं सहजादी बनने की पर तमन्ना होसलो से उड़ान भरने की है। चाहत नहीं आराम भरी जिंदगी की पर कोशिश हर मुकाम को हासिल करने की है। चाहत नहीं खुद के नाम को बुनने की पर कोशिश किसी के काम आने की है। #कविता फुलार # dream as like as imagination